गीत्‌

  1. Both:
    तुझ्‌सा हसीँ जहाँ मेँ॒ को॒ई दूस्‌रा नहीँ!
    यऽनी, ते॒रे सिवा को॒ई॒ मेरा ख़ुदा नहीँ!
         दुन्‌या भी॒ छोड़्‌ देँ जो॒ तुम्हारे लिए तो॒ कम्‌;
         सौदा-ए॒ ऽइश्‌क़्‌ यूँ कभी॒ पह्‌ले हुआ नहीँ!

  2. He:
    यह्‌ हुस्‌न्‌-ए॒ बे-मिसाल्‌, य॒ह्‌ आँखोँ की॒ मस्‌तियाँ
    क़ुर्‌बान्‌ कर्‌ चलीँ हैँ॒ अदाओँ की॒ शोख़ियाँ!
    गुल्‌पोश्‌ से बदन्‌ के॒ नज़ाकत्‌ की॒ क्या कहेँ !
    कर्‌ते हो॒ तुम्‌ जो॒, उफ़्‌फ़्‌!, शरारत्‌ की॒ क्या कहेँ!
         वह्‌ और्‌ हैँ जो॒ मर्‌ते॒ हैँ॒ बस्‌ देख्‌ कर्‌ तुम्हे
         ऽआशिक़्‌ तो॒ मैँ हूँ॒ जो बिना॒ देखे जिया नहीँ!
         (तुझ्‌सा हसीँ जहाँ मेँ॒ को॒ई दूस्‌रा नहीँ ...)

  3. She:
    तुम्‌ जो रहोगे॒ साथ्‌ तो॒ किस्‌ बात्‌ का है॒ घ़म्‌?
    दीवार्‌ चाहे॒ हो को॒ई॒ दुन्‌या के॒ होँ सितम्‌!
    जीने का॒ तुम्‌को॒ जब्‌से॒ सहारा बना लिया
    कश्‌ती को॒ बह्‌र्‌-ए॒ घ़म्‌ मेँ॒ किनारह्‌ बना लिया!
         इस्‌ ज़िन्‌दगी की॒ लौ का॒ उजाला तुम्ही से॒ है;
         जीएँगे॒ हम्‌ अगर्‌ रहेँ॒ तुम्‌से जुदा नहीँ!
         (तुझ्‌सा हसीँ जहाँ मेँ॒ को॒ई दूस्‌रा नहीँ ...)