[शब्-ए॒ वस्ल् = night of union (with beloved)]
[चराघ़् = lamp] [दाघ़् = scar, sore, wound]
शब्-ए॒ वस्ल् का कभी जो मे॒रा॒ तू चराघ़् होता
दिल्-ए॒ दाघ़् दाघ़् मेरा, दिल्-ए॒ बाघ़् बाघ़् होता!
न सितम् न दर्द् होता, मे॒रा॒ दिल् न दाघ़् होता;
रह्-ए॒ ऽइश्क़् मेँ सँभल्ने का॒ अगर् दिमाघ़् होता!
[नागहाँ = sudden, unexpected] [सुराघ़् = mark, trace]
ते॒री॒ ठोक्रोँ मेँ॒ गिर् कर् मैँ॒ बिखर् गया हूँ, वर्नह्
मे॒रे॒ क़त्ल्-ए॒ नागहाँ का यहीँ॒ पर् सुराघ़् होता!
[गिलह् , शक्व: = complaint] [नारसा = unworthy, unfit ]
यही॒ ऽइश्क़् मेँ गिलह् है, यही॒ शक्व:-ए मुहब्बत्;
"दिल्-ए॒ नारसा न होता, तो॒ जिगर् मेँ॒ दाघ़् होता!"
[शब्-ए॒ हिज्र् = night of separation (from beloved)]
शब्-ए॒ हिज्र्, अब् तो॒ रोना इसी॒ बात् का है॒ _रौशन्_,
"कभी॒ _शर्मिला_ की॒ राहोँ का॒ जो॒ मैँ चराघ़् होता!?"